आटे को तरसता पाकिस्तान, गेहूं के उत्पादन में रिकॉर्ड बना रहा हिंदुस्तान
नई दिल्ली: पाकिस्तान के कई शहरों में आटा वितरण केंद्रों पर मची भगदड़ में हुई मौत की वायरल हो रही खबरों के बीच भारत गेहूं के उत्पादन में रिकॉर्ड बनाने जा रहाा है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान में आसमान छूती महंगाई से जनता का हाल बेहाल है।
बता दें कि भारत में गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 11.22 करोड़ टन रहने का अनुमान है वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान के विभिन्न शहरों में आटा वितरण केंद्रों पर मची भगदड़ में मौत की खबर आ रही हैं।
भारत में कृषि मंत्रालय के अनुमान के अनुसार फसल वर्ष 2023-24 (जुलाई-जून) में गेहूं उत्पादन रिकॉर्ड 11.22 करोड़ टन रहने का अनुमान है।
पाकिस्तान के विभिन्न शहरों में आटा वितरण केंद्रों पर मची भगदड़ में एक महिला और एक पुरुष की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। द न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, आटा वितरण को लेकर सरकार के खिलाफ लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
पहली भगदड़ साहीवाल में उस समय हुई जब बड़ी संख्या में लोग मुफ्त का आटा लेने पहुंचे थे और महिलाएं भी लंबी-लंबी कतारों में खड़ी थीं।
द न्यूज ने बताया कि जैसे-जैसे समय बीतता गया, भीड़ अधीर हो गई, जिससे भगदड़ मच गई और हर कोई आटा बैग लेने की कोशिश कर रहा था।
नतीजतन, इस भगदड़ में एक महिला की मौत हो गई, जबकि 46 अन्य घायल हो गए।
इस बीच साहीवाल उपायुक्त व जिला पुलिस पदाधिकारी मौके पर पहुंचे।
द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, आटा मांगने वालों पर पुलिस द्वारा लाठी चार्ज करने की भी खबरें हैं।
रहीम यार खान में मुफ्त आटा लेने के चक्कर में 73 वर्षीय एक व्यक्ति को कुचल दिया गया, जबकि कई अन्य घायल हो गए।
द न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, झंग में सरकारी ग्रेजुएट बॉयज कॉलेज में आटा बांटने के स्थान पर एक वृद्ध महिला पर कथित अत्याचार के विरोध में महिलाओं ने धरना दिया। महिलाओं का आरोप है कि आटे की थैलियां बांटने के दौरान कर्मचारियों द्वारा भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पेशावर में विभिन्न स्थानों पर मुफ्त सरकारी गेहूं के आटे की आपूर्ति के लिए विरोध और मारपीट देखी गई क्योंकि शहर की पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने में अपनी लाचारी व्यक्त की।
मुफ्त आटा नहीं मिलने पर प्रदर्शनकारियों ने कोहाट रोड को जाम कर दिया, जिसके चलते यातायात जाम हो गया।
उन्होंने शिकायत की कि उन्हें पूरे दिन लंबी कतारों में इंतजार करना पड़ा और फिर भी खाली हाथ घर लौटे और दावा किया कि भाई-भतीजावाद के आधार पर राजनीतिक संबद्धता को ध्यान में रखते हुए आटा बांटा जा रहा है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, मुफ्त सरकारी आटा नहीं मिलने की शिकायतें हर बीतते दिन के साथ बढ़ती जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि पूरे प्रांत में, विशेष रूप से इसके दक्षिणी जिलों में, बड़ी संख्या में महिलाएं मुफ्त आटा लेने के लिए वितरण बिंदुओं पर इकट्ठा होती हैं, जिससे पुलिस के लिए स्थिति का प्रबंधन करना मुश्किल हो जाता है।
दक्षिणी पंजाब की हासिलपुर तहसील में मुफ्त आटा वितरण केंद्र पर मची भगदड़ में कम से कम पांच महिलाएं घायल हो गईं।